
महंत
स्वामी जी के देवलोक गमन के समय सॉफ्टवेयर कंपनी नोएडा में तीन महीना जॉब करते हुए बीता था परन्तु परमात्मा ने तो इन्हे कई जन्मो से अपनी भक्ति के लिए चुना था। ‘अंशुमान द्विवेदी’ स्वामी प्रणवपुरी जी महाराज अलौकिक चमत्कार प्रयाग में हुआ स्वामी अंगद जी महाराज के निधन के कार्य में आये अंशुमान जी को रात्रि में साक्षात् हनुमान जी सिरपर हाथ फेरते हुए कहा “बेटा श्री राम कथा सुनाओ सनातन धर्म की सेवा तुम्ही को करनी है” प्रातः काल प्रणव जी ने पूछा माता जी क्या लंगड़े हनुमान जी भी होते है ? मैंने सपने में हनुमान जी को देखा जिनके पैर में चोट लगी हुई है उन्होंने मुझसे उनके पैर में दवा लगाने बोले और दवा लगते समय उन्होंने मेरे सर पर हाथ फेरते हुए कहा ‘ बेटा श्री राम कथा सुनाओ ‘ मैं आकाश की तरफ देख रहा था वहाँ मुझे स्वामी अंगद जी दिखे सारी प्रयाग की जनता में स्वतः स्वामी जी का वस्त्र पहन कर अमावस्या के पर्व पर राम कथा मंच पर खड़े होकर कथा धाराप्रवाह प्रारम्भ कर दी सैकड़ों संत कल्पवासी भक्त स्वामी श्री प्रणव पूरी जी की जय जय कार करने लगे इस प्रकार इस चमत्कारी मठ के देवी देवताओं ने अपना महंत स्वयं प्रकट कर दिया ।