
माँ ब्रह्मवादिनी
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महामृत्युंजय मठ (महाकाल लोक फेसेलिटी सेण्टर - २ )
माँ ब्रह्मवादिनी अपर्णा श्री भारती जी सात वर्ष की अवस्था से ही १ महीना कार्तिक माहात्म्य, नर्मदा महापुराण एवं राम कथा भगवत कथा करती आ रही है। १५ वर्ष की अवस्था से अन्न का त्याग करके फलहारी जीवन ग्रहण करके दुर्गा सप्तशती का नित्य पाठ करते हुए अपना तपोमय जीवन जीते हुए महामृत्युंजय मठ महाकाल लोक के अंदर निवास करती है ईश्वर की कृपा से तीनपुत्र एवं हजारों शिष्य परिवार जुड़े हुए है बड़े पुत्र आचार्य आशुतोष द्विवेदी कर्मकांड एवं अनुष्ठान यज्ञ विधि से स्वामी अंगद जी महाराज के साथ परिपक्व रहे है।